मानव शरीर के लिए लाजवाब है जौ | Barley is wonderful for the human body

मानव शरीर के लिए लाजवाब है जौ | Barley is wonderful for the human body :- आज हम भारतीय मूल का एक अनाज जौ के बारे में जो एक हिंदी राष्ट्र barley in hindi के प्रसिद्ध एवं प्रमुख अनाज में एक है इसके मानव शरीर के लिए लाभ इतने जबरदस्त है कि आप इसके बारे में जानने के बाद इसे भोजन में शामिल किए बिना नहीं रह पाएंगे।

हम इस आर्टिकल में जौ से संबंधित सभी प्रकार के तथ्य इससे होने वाले लाभ यह किस तरीके से खाना चाहिए कितनी मात्रा में खाना चाहिए यह किस से नहीं खाना चाहिए इस प्रकार के सभी प्रमुख चीजें आगे जानेंगे।

Barley is wonderful for the human body
Barley is wonderful for the human body

मानव शरीर के लिए लाजवाब है जौ | Barley is wonderful for the human body

जौ – मतलब  | barley meaning in hindi 

यह एक अनाज है जोकि गेहूं के दाने की अपेक्षा थोड़ा बड़ा तथा गेहूं की अपेक्षा लंबा होता है जौ के बीज(barley seeds in hindi)

भी कुछ इसी प्रकार के दिखाई देते हैं।

यह जिस घास से प्राप्त किया जाता है उसे होरडियम बुल्गारे ग्रास के नाम से जाना जाता है यह बहुमुखी अनाज होता है जोकि वीट वेरी जैसा दिखाई देता है।

बहुत से लोगों का यार सवाल होता है कि क्या जौ एक रबी की फसल है( is barley a rabi crop) यह उत्तर भारत में बोली जाने वाली रबी की फसलों में से एक होती है जिससे गेहूं की तुलना में पानी की आवश्यकता कम होती है एवं यह दाने के रूप में, खाने के रूप में, औषधि के रूप में उपयोग में लाई जाती है इसका औद्योगिक उपयोग भी होता है जो कि शराब बनाने में पेपर बनाने में बेकरी उद्योग में फाइबर पेपर बनाने में फाइबर बोर्ड बनाने में ऐसे उपयोग में लाया जाता है।

जौ और जई के बीच अंतर  (difference between barley and oats)  बहुत ही सुष्म होता है जो कि बहुत आसानी से समझ में नहीं आता इसके लिए आपको इसे गौर से देखना होता है यह दिखने में लगभग एक समान होते हैं एवं इनका कलर भी एक जैसा ही होता है साधारण रूप में देखा जाए तो जई एक अविकसित अनाज है जोकि गेहूं के वर्ग का ही होता है।

कुछ लोग इसे चावल के रूप में अभी ग्रहण करते हैं जिसे यह जौ चावल(barley rice in hindi) के नाम से भी जानते हैं।

भारत तो जौ उत्पादक देश है ही परंतु सबसे ज्यादा जौ का उत्पादन किस देश में होता है(which country has the highest barley production)

रूस को सबसे अधिक जौ उत्पादक देश के रूप में माना जाता है यह दुनिया का सबसे अग्रणी जौ उत्पादक क्षेत्र माना जाता है।

जौ के फायदे | barley ke fayde in hindi

जौ के फायदे देखकर आप हैरान हो जाएंगे यह शरीर के लिए बहुत ही कारगर एवं बहुत ही लाजवाब असर देने वाला प्राकृतिक अनाज या जिसे कर सकते हैं औषधि भी है।

  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है
  • यौन स्वास्थ्य के लिए सहायक
  • वजन घटाने में सहायक होता है
  • सर्दी एवं खांसी को ठीक करने में सहायक होता है
  • टाइप टू डायबिटीज को ठीक करने में सहायक
  • दांतो एवं हड्डियों के स्वास्थ्य को अच्छा रखने में सहायक
  • हृदय से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में सहायक
  • पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में सहायक
  • गर्भावस्था में लाभकारी
  • यूरिन इन्फेक्शन को ठीक करने में सहायक
  • पित्ताशय की पथरी को खत्म करने में सहायक
  • अर्थराइटिस में सहायक

इसी प्रकार कई बीमारियों को ठीक करने में यह सबसे ज्यादा सहायक सिद्ध होता है एवं यह विशेषज्ञों द्वारा प्रयोग किए हुए एवं उसके द्वारा सामने आए रिजल्ट के बारे में यहां बताया गया है।

जौ यह तो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता ही है परंतु जौ घास के फायदे(barley grass benefits in hindi) भी हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

  • यह शरीर में अतिरिक्त अमृता को कम करने में सहायक होते हैं
  • युवी किरण से बचाने में सहायता करते हैं
  • कैंसर रोधी गुण इनमें होते हैं
  • एंटीबायोटिक गुण होते हैं
  • एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस से राहत दिलाने में सहायक होते हैं
  • प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन का कार्य करता है।

इन तरीकों से आप समझ गए होंगे कि जौ तो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है ही उसके साथ ही इसका तना यानी कि जौ घास भी बहुत फायदेमंद होती है।

जौ का दलिया खाने से क्या फायदा होता है? What is the benefit of eating barley porridge?

जौ एक पौष्टिक साबुत अनाज है जो मानव आहार में शामिल होने पर कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे जौ मानव शरीर के लिए अद्भुत हो सकता है:

1. पोषक तत्वों से भरपूर: जौ आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें फाइबर, विटामिन (विशेष रूप से बी विटामिन जैसे नियासिन, थियामिन और विटामिन बी 6), और खनिज (जैसे मैंगनीज, सेलेनियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम) शामिल हैं। ).

2. आहारीय फाइबर में उच्च: जौ विशेष रूप से घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के आहारीय फाइबर में उच्च है। यह फाइबर सामग्री पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह नियमित मल त्याग को बढ़ावा देती है, कब्ज को रोकती है और कोलन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है।

3. वजन प्रबंधन: जौ में उच्च फाइबर सामग्री आपको पूर्ण और संतुष्ट महसूस करने में मदद कर सकती है, जो समग्र कैलोरी सेवन को कम करके वजन प्रबंधन में सहायता कर सकती है।

4. हृदय स्वास्थ्य: जौ का सेवन हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जौ में घुलनशील फाइबर, विशेष रूप से बीटा-ग्लूकन, एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।

5. रक्त शर्करा नियंत्रण: जौ के फाइबर और जटिल कार्बोहाइड्रेट में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका अर्थ है कि उनका रक्त शर्करा के स्तर पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है। यह मधुमेह वाले व्यक्तियों या मधुमेह विकसित होने के जोखिम वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

6. एंटीऑक्सिडेंट: जौ में विटामिन सी, विटामिन ई और सेलेनियम सहित विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं और पुरानी बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।

7. पाचन स्वास्थ्य: जौ में अघुलनशील फाइबर कब्ज को रोकने और नियमित मल त्याग में सहायता करके स्वस्थ आंत को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह संतुलित आंत माइक्रोबायोम में भी योगदान दे सकता है।

8. हड्डियों का स्वास्थ्य: जौ फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का एक स्रोत है, जो मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

9. पित्ताशय की पथरी का खतरा कम: जौ जैसे उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ पित्ताशय को अधिक कुशलता से कार्य करने में मदद करके पित्ताशय की पथरी के खतरे को कम कर सकते हैं।

10. बेहतर तृप्ति: जौ अपनी फाइबर सामग्री के कारण आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है, संभावित रूप से अधिक खाने को कम करता है और वजन प्रबंधन प्रयासों में सहायता करता है।

11. कुछ कैंसर का खतरा कम: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जौ में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर कोलन कैंसर सहित कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।

12. हाइड्रेशन: जौ भी हाइड्रेशन का एक स्रोत है, क्योंकि यह पानी को अवशोषित कर सकता है और शरीर में पर्याप्त तरल स्तर बनाए रखने में मदद कर सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि जौ कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, इसे संतुलित आहार का हिस्सा होना चाहिए जिसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल हों। इसके अतिरिक्त, सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों को छिलके वाली जौ या जौ के गुच्छे जैसे ग्लूटेन-मुक्त जौ के विकल्प चुनना चाहिए, क्योंकि पारंपरिक जौ में ग्लूटेन होता है। वैयक्तिकृत आहार संबंधी अनुशंसाओं के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि जौ आपकी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और आहार प्राथमिकताओं के साथ अच्छी तरह से फिट बैठता है, हमेशा एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से परामर्श लें।

जौ की तासीर क्या है | jo ki tasir kya hai?

जौ की तासीर ठंडी होती है इस वजह से ही है पेट से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में या दूर करने में बहुत प्रभावी होता है अस्थमा रोगियों को इसे खाने की सलाह आयुर्वेदाचार्य पहले से ही देते आ रहे हैं इसे नियमित ग्रहण करने से अस्थमा के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है एवं जिन्हें एलर्जी की समस्या हो उससे भी राहत पाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

सबसे अच्छा दलिया कौन सा होता है | Which is the best oatmeal?

सबसे अधिक पौष्टिक दलिया माना गया है जई के दलिया को इस दलियां को स्वास्थ्यप्रद दलिया भी माना गया है क्योंकि अधिकतर अनाज के दलिया को बनाने की विधि थोड़ी जटिल होती है परंतु इससे बहुत सहस तरीके से एवं कम प्रसंस्करण से गुजरना होता है इस वजह से इसके पोस्टिक गुनो में कोई परिवर्तन नहीं होता ।

दूसरे नंबर पर होता है जौ का दलिया इसे अक्सर आटे से मोटा पीसा जाता है या ऐसा कहे कि टुकड़ों में बांटा जाता है साबुत अनाज को फिर से पानी के साथ मिलाकर पकाया जाता है एवं इसे खाया जाता है।

क्या जौ आपको गैस देती है | Does barley give you gas

जौ यह एक कार्बोहाइड्रेट एवं फाइबर का स्त्रोत होता है जोकि पेट में होने वाले गैस की समस्या को ठीक करने में मददगार होता है परंतु अधिक मात्रा में ग्रहण करने से कार्बोहाइड्रेट इस समस्या को बढ़ा सकता है इसीलिए अधिक मात्रा में इसका ग्रहण नहीं करना चाहिए जो व्यक्ति इरिटेबल बाउल डिजीज से पीड़ित होते हैं उनमें यह गैस की समस्या सूजन की समस्या को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसलिए इरिटेबल बॉवेल डिजीज वाले व्यक्ति को ऐसे खाने की सलाह नहीं दी जाती।

Barley is wonderful for the human body
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गर्मियों में कौन सा आटा खाना चाहिए 

विशेषज्ञ अधिकतर गर्मियों में गेहूं का आटा खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होने की वजह से यह पेट को ठंडक देने में मददगार होता है एवं हिट को बढ़ने नहीं देता।

उसी प्रकार जौ का आटा या जौ पाउडर (barley powder in hindi) नियमित रूप से खाने से डायबिटीज कंट्रोल होती है हार्ट से संबंधित बीमारियां कम होती है कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी, जिंक, आयरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं इसी वजह से अधिकतर विशेषज्ञ इस आटे को खाने की सलाह देते हैं।

how to make barley water | जौ का पानी बनाने का तरीका

जौ का पानी बनाना बहुत आसान है आपको एक कप जौ को पानी से धो लेना है इसे आधे गिलास पानी में भिगो दें 3 से 4 घंटे के बाद इसे छान ले भीगे हुए जो को 30 से 40 मिनट उबालें जब यह पानी पीने योग्य ठंडा हो जाए तब इसे पीले।

जौ का पानी पीने से शरीर डिटॉक्सिफाइड होता है शरीर में उपस्थित विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं बच्चों एवं महिलाओं में यूरिनरी टेक्स्ट इंफेक्शन को यह ठीक करने में मददगार होता है जिन व्यक्तियों को स्टोन की समस्या होती है उन्हें जौ का पानी पीने से राहत मिलती है कब्ज एवं बवासीर की समस्या को दूर करने में भी यह सहायक होता है। डिहाइड्रेशन को खत्म करने में यह पानी एक रामबाण का काम करता है इसलिए अधिकतर गर्म इलाकों में इसे पीने की सलाह दी जाती है एवं शरीर में ठंडक बनाए रखने में भी यह बहुत सहायक होता है।

बहुत ही लेखों में यह पूछा गया है कि हमें एक दिन में कितना जौ का पानी पीना चाहिए (how much barley water to drink in a day) विशेषज्ञ द्वारा बताया जाता है कि अधिकतम लाभ लेने के लिए दिन में कम से कम दो बार जौ का पानी पीना चाहिए सबसे अधिक से सुबह के समय लेने की सलाह दी जाती है एवं रात में सोने से पूर्व।

जौ लस मुक्त (barley gluten free) होता है लस मुक्त (gluten free) gluten यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है जोकि कुछ खाद्य पदार्थ एवं अनाज में पाया जाता है जिसमें से एक अनाज है जौ इसके अलावा यह राई एवं गेहूं में भी पाया जाता है इस प्रोटीन की मदद से फूड को अपना आकर बनाए रखने में मदद मिलती है।

किसी सज्जन द्वारा पूछा गया था कि क्या जौ का पानी गुर्दे की पथरी के लिए अच्छा है (is barley water good for kidney stones) यह एक आजमाया हुआ उपाय हैं जिन व्यक्तियों को किडनी स्टोन की प्रॉब्लम होती है उन्हें जौ का पानी पीने की सलाह दी जाती है जिन्हें किडनी की प्रॉब्लम होती है उन्हें भी जो का पानी पीने की सलाह दी जाती है किसी डॉक्टर की विशेषज्ञ के अनुसार यह परीक्षण किया गया है कि अगर पथरी का साइज छोटा हो तो उसे जॉब के पानी से 3 से 4 दिनों में ही पथरी को बाहर निकाला जा सकता है।

जौ मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है | is barley good for diabetics

जो का आटा मधुमेह रोगियों के लिए डायबिटीज पेशेंट के लिए एक रामबाण का काम करता है जौ के आटे में ग्लाइकोसिडिक इंडेक्स कम होने की वजह से या ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है इसलिए इसे डायबिटीज पेशेंट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

how to eat barley | जौ कैसे खाएं

इसे साधारण तौर पर जिस प्रकार हम आटे की रोटी या आटा बनाकर उसकी रोटी बनाते हैं उसी प्रकार जौ को पीसकर भी रोटी बनाकर खाया जा सकता है या फिर ऐसे चावल की तरह गर्म पानी में उबालकर भी खाया जा सकता है पहले से पक्के हुए भोजन में इसका उपयोग गर्म या ठंडा दोनों ही रूपों में किया जा सकता है। सूजी के रूप में भी इसे खाया जा सकता है।

 वजन घटाने के लिए जौ अच्छा है ( barley good for weight loss )माना जाता है इसलिए बहुत से स्पेशलिस्ट इसे खाने की सलाह देते हैं।

how many calories in pearl barley | जौ में कितनी कैलोरी होती है

NutrientHulled barleyPearl barley
Energy (calories)354352
Protein (g)12.59.9
Fat (g)2.31.2
Carbohydrate (g)73.577.7

जौ के नुकसान | Side Effects of Barley in Hindi

  • जो मैं लैक्सेटिव नामक यौगिक पाया जाता है जो मल को मुलायम करने में सहायक होता है इसी वजह से इसका अधिक सेवन करने से दस्त भी लग सकती है।
  • कुछ एलर्जी प्रभाव होने की वजह से कुछ लोगों को एवं बच्चों को एलर्जी की शिकायत हो सकती है।
  • यह ब्लड शुगर को कम करने में सहायक होता है इसी कारण डायबिटीज की दवा लेने वाले मनुष्य को डॉक्टरी परामर्श के अनुसार इसे लेना चाहिए।

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