hump on back of neck in hindi | गर्दन के पिछले हिस्से पर कूबड़ सा महसूस होने पर करें यह एक्सरसाइज

hump on back of neck in hindi, रीड की हड्डी से जुड़ी यह है एक स्थिति होती है जिसमें रीड की हड्डी बाहर की तरफ निकलती है और अर्ध गोलाकार ग्रुप बनाती है यह एक विकृति है जिसकी वजह से व्यक्ति को बहुत अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार की समस्याओं उत्पन्न करती है यह बहुत ही कष्टदायक और शरीर को बेडौल करने का काम करती है।

hump on back of neck in hindi

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गर्दन कूबड़ का क्या कारण है?

गर्दन का कूबड़ गर्दन के पिछले हिस्से पर चर्बी का जमाव है। इस समस्या के कारण ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, खराब मुद्रा, उम्र बढ़ने, अतिरिक्त चर्बी और किफोसिस जैसी कुछ बीमारियाँ हैं। इस समस्या को रोकने के लिए, आपको अपने शरीर की स्थिति के प्रति सचेत रहना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करने का आग्रह करना चाहिए।

ऑस्टियोपोरोसिस

यह एक हड्डियों में होने वाला चयापचय रोग है जिसके कारण हड्डी के घनत्व में कमी होती है प्रभावित हड्डियां का घनत्व कम होने लगता है और हड्डियां धीरे-धीरे नाजुक हो जाती है जिससे इसके टूटने की संभावना एवं फैक्चर की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है थोड़े से धक्का यह गिर जाने से हड्डियों को फैक्चर जैसे संभावना उत्पन्न होती है।

यह अधिकतर कैल्शियम विटामिन डी की कमी के कारण एवं बोन मांस यानी कि हड्डियों के घनत्व की कमी की वजह से तथा फास्फोरस एवं प्रोटीन के कई प्रकार के मिनरल की कमी से जो देखने को मिलता है।

वात रोग

बहुत से लोगों को गठिया वात बहुत अधिक लंबे समय तक होने की वजह से नसों में आई हुई कमजोरी एवं रीड की हड्डी का लगातार झुकी हुई पोजीशन में रहने की वजह से भी यह देखने को मिलता है इससे गर्दन के निचले हिस्से के गठिया के कारण स्वाभाविक रूप से आगे की ओर झुक सकता है इसीलिए विशेषज्ञ अधिकतर व्यायाम करने की सलाह देते हैं।

Scheuermann की क्यफोसिस

जह एक जन्म से ही विकसित रोग होता है जिसकी मदद से अगर रीड की हड्डी गलत तरीके से विकसित कोई हो तो समस्या को Scheuermann की क्यफोसिस के रूप में जाना जाता है क्या बीमारी है कई बार लक्षण किशोरावस्था में भी देखने को मिलते हैं क्यों किया धीरे-धीरे अपने आकार में बदलाव की वजह से भी देखने को मिलता है।

अत्यधिक चर्बी

आज के समय में होने वाले अतिरिक्त फैट की सहायता से भी यह रोग देखने को मिलता है इसके लिए आपको अपने खानपान में भी बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है हम आपको यह भी बता देगी मात्र खानपान से यह नहीं होता बल्कि आपके उठने बैठने आपके लाइफस्टाइल खड़े रहने का तरीका यहां भी निर्भर करता है।

उम्र बढ़ने

उम्र के मायने के साथ साथ बहुत से रोग मनुष्य को घेर ही लेते है उसी प्रकार यह भी उम्र के रूप में अपनी रीढ़ की हड्डी में बड़े पैमाने पर ब्राह्मण का एक महत्वपूर्ण अनुभव कर सकते हैं इसमें उम्र बढ़ने से होने वाली बहुत सी समस्याएं भी सामने आती है।

गर्दन के कूबड़ से छुटकारा पाने के लिए सबसे अच्छा व्यायाम | hump on back of neck in hindi

विकर्ण बैंड खिंचाव

इसकी सहायता से पीठ और कंधों को मजबूत करने में मदद मिलती है यह एक त्रिदिशात्मक व्यायाम है जोकि के विस्तार को बढ़ावा देता है एवं गोल पेट को सीधा करने में मदद करता है इस खिंचाव के माध्यम से रीड की हड्डी में मजबूती एवं कंधों में मजबूती बढ़ती जाती है और पीठ की कूबढ़ता का समाधान होने लगता है।

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विधि:-

  • इसके लिए आपको एक बैंड की आवश्यकता होती है
  • जिसे दोनों छोर से पकड़ कर बैंड को विपरीत दिशा में फैलाएं
  • कुछ समय करने के पश्चात दिशा बदले और क्रिया को पूरा करने के लिए क्षैतिज रूप से बैंड को अपनी छाती पर फैलाएं ताकि खिंचाव महसूस हो।
  • आखरी में अपने अंगूठे को ऊपर रखते हुए अपनी गर्दन को आराम दे और बैंड को खींचते समय अपने कंधे के ब्लेंड को एक साथ घकेलें।

चिन टक

गर्दन के कूबड़ को ठीक करने से इच्छुक(hump on back of neck in hindi) व्यक्ति के लिए यह सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यायाम माना जाता है इसकी मदद से गर्दन के सामने की मांसपेशियों को एक अच्छा खिंचाव महसूस होता है इसके लिए गर्दन को नीचे से ऊपर की ओर और उपर से नीचे की ओर दोहराना होता है।

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विधि:-

  • इसके लिए आपको अपनी छुट्टी को नीचे की ओर करें एवं अपनी गर्दन में डबल चीन की तरह नीचे की ओर दबाए
  • फिर इसे नीचे से ऊपर की ओर उठाएं
  • इसे 12 से 15 बार दोहराएं थोड़ा विश्राम करके 4-5 बार और करें।

शोल्डर रोल्स

यह बहुत ही सामान्य एक्सरसाइज है जिसकी सहायता से गर्दन के कूबड़(hump on back of neck in hindi) से छुटकारा पाने में मदद मिलती है इसकी सहायता से कंधों में होने वाले स्ट्रैच को कम किया जा सकता है एवं गर्दन की समस्या को ठीक करने के लिए भी यह व्यायाम बहुत आवश्यक माना जाता है

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विधि:-

  • सीधे सावधान की मुद्रा में खड़े होकर अपनी भुजाओं को हमने बगल में रखकर इसे शुरुआत करें
  • अपने कंधों को आगे पीछे और दोनों दिशाओं में 15 से 20 या जितना आप से हो सके उतनी बार दोहराए
  • थोड़ा विश्राम करें एवं उसके तीन सेट करें।

पेक स्ट्रेच

यह व्यायाम गर्दन के कूबड(hump on back of neck in hindi) के आकार को कम करने में सबसे अधिक मददगार है इसकी सहायता से गर्दन की गति और लचीलापन की सीमा में सुधार करने कठोरता को कम करने और अनिवार्य रूप से गर्दन के कूबड को कम करने में मददगार साबित हुआ है।

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विधि:-

  • इसके लिए आपको अपने अग्र भुजाओ और कोहनी को तिरछी दीवार के समानांतर रखना होगा एवं आपकी कोहनी छाती के स्तर पर रहे।
  • अपनी छाती पर खिंचाव महसूस होने तक अपने हाथों को उस पर रखते हुए अपने शरीर को दीवार से दूर करने की कोशिश करें। 40 सेकंड के लिए होल्ड करें और 5-6 प्रतिनिधि रखें।
  • ऐसा ही दूसरे भुजा के साथ दोहराए है।

वॉल एक्सटेंशन स्ट्रेच

वॉल एक्सटेंशन स्ट्रेच एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसके लिए आपको किसी उपकरण की आवश्यकता तो नहीं होती इसके लिए दीवार पर अपने हाथों को टीका कर उल्टा एल पोजीशन बनाने की जरूरत होती है जैसा कि आप दीवार को धक्का दे रहे हो इस पोजीशन की मदद से दर्द को कम करने रीड को लंबा करने इन छाती को चौड़ा करने वह फेफड़ों को खोलने में बहुत मदद मिलती है।

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विधि:-

  • दोनों हाथों से दीवार को छुए
  • पीठ को सीधा रखते हुए कूल्हे को पीछे की ओर टिकाएं और धीरे-धीरे अपनी छाती को जमीन पर टिकाने की कोशिश करें
  • अपने सिर को जमीन की ओर खींचने और अपने रीड के हड्डी के समांतर होने से बचे
  • अपनी मध्य पीठ और छाती को सीधा रखें जिससे उसमें खिंचाव महसूस हो।
  • इसे 10-15 बार दोहराएं।

Thoracic Mobilization on a Ball । एक गेंद पर थोरैसिक लामबंदी

यह एक बहू प्रसिद्ध व्यायाम है जिसकी सहायता से गर्दन के कूबड याने यहां पर होने वाली चर्बी को कम करने में सबसे अधिक सहायक माना जाता है। इस व्यायाम की मदद से स्थिर मांसपेशियों को रिलीव करने में मदद मिलती है। ओर इससे आपको थोरैसिक रीढ की लचीलापन गतिशीलता और गति की सीमा को बढ़ाने में मदद मिलती है।

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विधि:-

  • घुटनों के बल बैठकर गेंद पर अपने सामने अपनी भूल जाओगे साथ टिक जाए।
  • अपने माथे को अपनी बाहों के बीच रहने दे
  • धीरे-धीरे अपनी भुजाओं को ओपन करें और अपने शेर को जमीन की ओर जाने दे
  • कंधे के ब्लेड के बीच के क्षेत्र को जमीन की ओर क्यों रखें
  • बिना किसी तनाव के अपनी गर्दन को न्यूट्रल बनाए रखें
  • धीरे-धीरे श्वास लें और अपनी ऊपरी पीठ में खिंचाव महसूस करें
  • 15 से 20 बार इसे दोहराए

गर्दन का कूबड कैसे ठीक करें?

hump on back of neck in hindi, गर्दन की कूबड की समस्या के लिए सबसे अधिक योगाचार्य ने भुजंगासन को सर्वप्रथम माना है इसे करने से रीड की हड्डी लचीले बनती है और खराब पोस्टर के कारण हुआ कौवा ठीक होने लगता है।

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