माइग्रेन और साइनस सिरदर्द में क्या अंतर (sinus vs migraine Headache) होता है?, साइनस सिरदर्द एक अत्यंत पीड़ादायक बीमारी है इसका मूल आंतरिक रुप बहुत अनोखा है इसमें छोटे छोटे हवा के स्थान जोकि नाटक 8 और गले के पीछे स्थित होते हैं यह लगभग नाक में खुलते हैं और म्यूकस को निकलने एवं हवा को सामान्य रूप से चक्कर लगाने की अनुमति देता है।
Contents
- 1 साइनस सिर दर्द क्या होता है? | What is sinus headache?
- 2 साइनस के क्या लक्षण होते हैं? | What are the symptoms of sinus?
- 3 साइनोसाइटिस कितने प्रकार के होते हैं? | How many types of sinusitis are there?
- 4 साइनस के दर्द को कैसे ठीक करें? | How to cure sinus pain?
- 5 साइनस में क्या क्या नहीं खाना चाहिए? | What should not be eaten in sinus?
- 6 साइनस सर दर्द से राहत कैसे पाएं? | How to get relief from sinus headache?
- 7 सिर दर्द कौन सी कमी से होता है? | Which deficiency causes headache?
- 8 माइग्रेन क्या है और क्यों होता है? | What is migraine and why does it happen?
- 9 माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं? | How many types of migraine are there?
- 10 माइग्रेन का टेस्ट कैसे होता है? | How is the migraine test done?
- 11 माइग्रेन का दर्द कहां होता है? | Where does migraine pain occur?
- 12 माइग्रेन का परमानेंट इलाज क्या है? | What is the permanent treatment of migraine?
- 13 सिर में भारीपन रहने का क्या कारण है? | What is the reason for heaviness in the head?
- 14 माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है? | What can be the danger of migraine?
- 15 महिलाओं में माइग्रेन का कारण क्या है? | What is the cause of migraine in women?
माइग्रेन और साइनस सिरदर्द में क्या अंतर होता है? | sinus vs migraine
साइनस सिर दर्द क्या होता है? | What is sinus headache?
साइनस हमारे सिर में कुछ खोखले छिद्र होते हैं या जिसे हम कैविटीज भी कहते हैं जोकि हमें सांस लेने में मददगार होते हैं और शेर को हल्का रखने में सबसे प्रभावशाली होता है इन चित्रों को ही साइनस या वायु वियर कहा जाता है।
साइनस सिरदर्द एक अत्यंत पीड़ादायक बीमारी है इसका मूल आंतरिक रुप बहुत अनोखा है इसमें छोटे छोटे हवा के स्थान जोकि नाटक 8 और गले के पीछे स्थित होते हैं यह लगभग नाक में खुलते हैं और म्यूकस को निकलने एवं हवा को सामान्य रूप से चक्कर लगाने की अनुमति देता है।
सीधी एवम सरल भाषा में कहा जाए तो यह जब मनुष्य को सर्दी होती है यानी कि जुकाम होता है तो साइनस से नाथ तक जाने वाले सभी छोटे छोटे रास्ते बंद हो जाते हैं जोकि बलगम या कब को निकलने से रोकते हैं और साइनस के अंदर बनाने के लिए प्रेशर या दबाव बनाते हैं जिससे अत्यंत सिर दर्द होता है।
इसका सिर दर्द एक लगातार धड़कता या फड़फड़ा ता हुआ होता है यह दर्द अक्सर चेहरे के आंखों के नीचे या ऊपरी दातों मैं महसूस अक्सर होता है।
सुबह के समय यह अत्यंत तीव्र एवं शाम होते होते यह कम होते जाता है इसमें अक्सर चेहरा छूने पर नरम लगता है और नाक का बहना अक्सर होता है।
साइनस के क्या लक्षण होते हैं? | What are the symptoms of sinus?
अक्सर साइनस को प्रभावित करने वाले जीवो में सर्वाधिक बैक्टीरियल इनफेक्शन फंगल एवं वायरल यह तीन कारण सर्वाधिक उत्तरदाई होते हैं।
साइनस के मुख्य लक्षणों में | Main symptoms of sinus
बुखार एवं इससे बेचैनी
आवाज में बदलाव
तेज सिर दर्द
आंखों के ऊपर हिस्से पर दर्द
दांतों में दर्द
सोने की शक्ति का कमजोर होना
खासी
थकान
साइनोसाइटिस कितने प्रकार के होते हैं? | How many types of sinusitis are there?
वायरल
बैक्टीरियल
एक्यूट
सब एक्यूट
रिकरेंट
कोनिक
इतने प्रकार के साइनोसाइटिस अभी तक वैज्ञानिकों द्वारा एवं विशेषज्ञ द्वारा एनालिसिस किए गए है।
तीव्र साइनोसाइटिस
इसके लक्षण अचानक शुरू होते हैं 2 से 4 हफ्ते तक इसका प्रकोप होता है
मध्यम तीव्र साइनोसाइटिस
इसमें सूजन 4 से 12 हफ्तों तक रह सकती है।
जीरन साइनोसाइटिस
इसके लक्षण 12 हफ्तों से अधिक समय तक रहते हैं।
आवर्तक साइनोसाइटिस
इसके लक्षण साल भर इस समस्या से जोस्ती रहते हैं।
साइनस के दर्द को कैसे ठीक करें? | How to cure sinus pain?
साइनस के दर्द को ठीक करने के लिए चिकित्सीय परामर्श सर्वाधिक जरूरी है एवं इसके आयुर्वेदिक घरेलू उपाय विशेषज्ञों द्वारा जो बताए गए ।
उसके अनुसार अगर हम अपने कफ को नियंत्रित कर सके तो यह शांत अवस्था में होता है जिसके लिए हमें हल्दी दूध का सेवन करना चाहिए ज्यादा होने पर आप सूखी हल्दी को मुंह में रखकर उससे भी बहुत आराम होता है |
अदरक के रस को शहद में मिलाकर चाटने से भी आराम मिलता है एवं काशी एवं कब को ठीक करने में मददगार होता है कई पौराणिक विशेषज्ञों के अनुसार तुलसी में एंटीवायरल एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं इसलिए तुलसी के पत्तों का सेवन करने से बियर समस्या ठीक हो सकती है।
साइनस में क्या क्या नहीं खाना चाहिए? | What should not be eaten in sinus?
कॉल बादाम का तेल एवं सनफ्लावर साइनस में नहीं खाना चाहिए क्योंकि उसमें ओमेगा 6 फैटी एसिड होता है जो कि उसको बढ़ाने में मदद करता है इसीलिए ठीक होते तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
मैदा एवं आलू से परहेज करें क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जोकि सूजन को बढ़ाने में मदद करता है इसलिए इसका परहेज करना चाहिए।
चॉकलेट सोडा पेस्टी फ्रूट जूस डेंजर जैसी चीजों से परहेज करें इन सभी चीजों का सेवन करने से सायनस की परेशानी को बढ़ावा मिलता है।
दूध एवं दूध से बनी हुई चीजें डेरी रिलेटेड चीजें एवं सोयाबीन एलर्जी बढ़ाने में मददगार होते हैं इसलिए इस से परहेज करें।
साइनस सर दर्द से राहत कैसे पाएं? | How to get relief from sinus headache?
साइनस सिर दर्द कि राहत का सर्वोत्तम उपाय गर्म पानी की भाप ले भाप के लेने से आपके सीने में जमा हुआ कफ बाहर निकलता है वही गर्म भाप नाक से अंदर जाने पर सूजन को कम करता है और नाक को खोलने में मदद मिलती है और इस इलाज से सिर दर्द में काफी आराम महसूस होता है अदरक एवं हल्दी का सेवन इसमें करने के लिए विशेषज्ञ कहते हैं।
सिर दर्द कौन सी कमी से होता है? | Which deficiency causes headache?
सिर दर्द होने के कई कारण है गैस की वजह से, कुछ विटामिंस की कमी की वजह से, एवं कई कारण है ज्यादातर विशेषज्ञों के अनुसार तनाव एवं थकान के अनुसार अभिषेक दर्द होता है लेकिन विटामिन B12 की कमी से सिर दर्द होने के बहुत लक्षण सामने आते हैं।
माइग्रेन क्या है और क्यों होता है? | What is migraine and why does it happen?
माइग्रेन एक अत्यंत अंदर दर्द नायक बीमारी है जिसमें असहनीय सिर दर्द होता है ज्यादातर इसका प्रभाव सिर के आधे हिस्से में होता है एवं दर्द आता जाता रहता है कुछ लोगों को यह दर्द पूरे सिर में होता है यह साधारण सिर दर्द से हटकर एक विशेष तरह का सर दर्द है अरे से पूरी दुनिया में कई लोग प्रभावित होते जा रहे हैं इसका सर्वाधिक मेन कारण मानसिक चिंता टेंशन एवं खानपान हो गया है।
माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं? | How many types of migraine are there?
मुख्यतः माइग्रेन ६ प्रकार के होते हैं
१. वेस्टीबुलम माइग्रेन
गंभीर चक्कर ओ कान्हा माइग्रेन के लक्षण है।
२. क्रॉनिक माइग्रेन
इसमें 15 से अधिक दिनों तक के समय में एक बार सिर दर्द होना इसके लक्षण है।
३. मासिक धर्म माइग्रेन
यह एक पैटर्न में होता है जो कि मासिक चक्र को फॉलो करता है।
४. एब्डोमिनल माइग्रेन
यह माइग्रेन अक्सर पेट की समस्याओं से जुड़ा होता है यह मुख्य रूप से 14 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
५. बेसेलर माइग्रेन
यह एक दुर्लभ माइग्रेन के रूप में जाना जाता है यह बहुत कम लोगों में पाया जाता है इसमें बोलना जैसे न्यूरोलॉजिकल कार्य को प्रभावित करता है।
६. हेमीप्लेजिक माइग्रेन
इस माइग्रेन में शरीर के एक तरफ अस्थाई कमजोरी होने लगती है।
माइग्रेन का टेस्ट कैसे होता है? | How is the migraine test done?
इसके टेस्ट करने के लिए विशेषज्ञों की जानकारी एवं निगरानी बहुत आवश्यक होती है क्योंकि यह एक अलग तरीके का रोग है जिसके सिम्टम्स भिन्न-भिन्न होते हैं जैसे कि आधे सिर का दर्द होना या पूरे सिर का दर्द होना आंखों से लेकर ऊपर सिर का दर्द होना कुछ नसों का दर्द होना यह बहुत सारे कारण है जिसके लिए विशेषज्ञों का होना बहुत जरूरी है
माइग्रेन का दर्द कहां होता है? | Where does migraine pain occur?
माइग्रेन यह एक अत्यंत पीड़ा दायक बीमारी है इसके होने पर बहुत तेज सिर दर्द होता है जो शेर के एक या फिर दोनों हिस्सों में हो सकता है आसान शब्दों में अगर ऐसे एक्सप्लेन किया जाए तो माइग्रेन का दर्द इस तरीके का होता है कि कोई जोर जोर से सिर पर हथौड़ी का वार कर रहा हूं इसका दर्द 72 से 74 घंटे तक भी रह सकता है एवं इसमें जी मिचलाना एवं उल्टी जैसा महसूस होता है।
माइग्रेन का परमानेंट इलाज क्या है? | What is the permanent treatment of migraine?
विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार कहा जाता है कि माइग्रेन दर्द होने पर या नॉर्मल होने पर भी गर्दन एवं कंधों की मालिश की जाए तो उसके दर्द में राहत मिलती है एवं सिर की मालिश हल्के गर्म तेल से की जाए तो भी इससे आराम मिलता है कई लोगों को तेज रोशनी से भी माइग्रेन की समस्या उत्पन्न होती है या तेज रोशनी से सिर दर्द होता है जैसे कि सूर्य की तेज रोशनी फोकस लाइट ओं की तेज रोशनी इससे अगर बचा जाए तो भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
सिर में भारीपन रहने का क्या कारण है? | What is the reason for heaviness in the head?
सिर में आज के समय में भारीपन रहने के अनेक कारण है लेकिन इसमें सर्वाधिक बड़ा कारण चिंता एवं टेंशन का होना क्योंकि आज के समय में मनुष्य की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर दिन चिंता एवं टेंशन से शरीर गिरा हुआ होता है जिससे हेडेक होने स्वभाविक हो जाता है इससे बचाव के लिए ही आज के समय में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो गया है एक्सरसाइज एवं मेडिटेशन का करना।
माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है? | What can be the danger of migraine?
शोधकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन के बाद पता चला है कि माइग्रेन हृदय संबंधी रोबो के संबंध में गंभीर खतरे की तरह होता है यह कम उम्र में भी आपके लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है एवं आपकी मौत के लिए जिम्मेदार हो सकता है खास तौर पर माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को हृदयाघात वह स्टॉक का खतरा सर्वाधिक होता है।
महिलाओं में माइग्रेन का कारण क्या है? | What is the cause of migraine in women?
आज के युग में महिलाओं में माइग्रेन के कारण अपनी अनियमित दिनचर्या तनावपूर्ण जीवन खराब खानपान धूम्रपान अत्यधिक परफ्यूम का यूज करना अधिक टेंशन लेना नींद का पुराना होना हारमोंस में बदलाव का आना आंखों पर तेज रोशनी आना एक्सरसाइज का ना कर पाना यह सभी मुख्य कारण महिलाओं में माइग्रेन की समस्याओं को बढ़ाता है।
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FAQ:-
साइनस और माइग्रेन के लिए कौन सी क्रिया बहुत कारगर है?
साइनस एवं माइग्रेन दोनों में ही सूर्य नमस्कार सबसे फायदेमंद होता है।
साइनस के उपचार हेतु कौन सा आसन उपयोगी है?
साइनस के उपचार हेतु भुजंगासन पुष्पा सन कपालभाति भस्त्रिका प्राणायाम असर दायक है।
माइग्रेन से क्या नुकसान है?
माइग्रेन से नींद की परेशानी होती है काफी लोगों में जिसकी वजह से उन्हें नींद की गोलियों का सहारा लेना पड़ता है ब्रेन स्ट्रोक की समस्या होती है लंबे समय तक माइग्रेन का कोई इलाज नहीं होने पर ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बना रहता है।